हिंदी साहित्य के चार प्रमुख कालों (आदिकाल, भक्तिकाल, रीतिकाल, आधुनिक काल) का एक सरल और स्पष्ट सारांश — बिल्कुल नोट्स और परीक्षा के लिए उपयुक्त।
📜 हिंदी साहित्य के प्रमुख काल – सारांश
1️⃣ आदिकाल (1050–1375 ई.)
✅ मुख्य विशेषता: वीरगाथा साहित्य
✅ भाषा: अपभ्रंश, पुरानी हिंदी, खड़ी बोली, ब्रज
✅ प्रमुख रचनाएँ: पृथ्वीराज रासो (चंदबरदाई), बीसलदेव रासो, परमाल रासो
✅ विषय: राजाओं की वीरता, युद्ध, राष्ट्रभक्ति, शौर्य
✅ कवि: चंदबरदाई, नरपति नाल्ह, जिनपति, विद्यापति (आंशिक रूप)
2️⃣ भक्तिकाल (1375–1700 ई.)
✅ मुख्य विशेषता: भक्ति और भगवान के प्रति समर्पण
✅ द्विविधा धारा:
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निर्गुण भक्ति → कबीर, नानक, दादू (सगुण रूप का निषेध)
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सगुण भक्ति → रामभक्ति (तुलसीदास) और कृष्णभक्ति (सूरदास, मीरा)
✅ भाषा: अवधी, ब्रज, सधुक्कड़ी
✅ प्रमुख रचनाएँ: रामचरितमानस (तुलसीदास), विनयपत्रिका, सूरसागर (सूरदास), मीरा के पद
3️⃣ रीतिकाल (1700–1900 ई.)
✅ मुख्य विशेषता: शृंगार (रस), नायिका-भेद, काव्य शास्त्र, दरबारी साहित्य
✅ भाषा: ब्रज
✅ कवि: बिहारी, केशव, देव, पद्माकर, घनानंद
✅ प्रमुख रचनाएँ: बिहारी सतसई, रसिकप्रिया (केशव), पद्माकर ग्रंथावली
4️⃣ आधुनिक काल (1900 ई. से वर्तमान)
✅ मुख्य विशेषता: राष्ट्रीय चेतना, मानवतावाद, समाज सुधार
✅ चार उपकाल:
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भारतेन्दु युग (1900–1918) → भारतेन्दु हरिश्चंद्र, बालकृष्ण भट्ट
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द्विवेदी युग (1918–1936) → महावीर प्रसाद द्विवेदी, मैथिलीशरण गुप्त, प्रसाद
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छायावाद (1918–1936) → जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, निराला
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प्रयोगवाद/नई कविता/नयी कहानी (1936–अब) → अज्ञेय, मुक्तिबोध, निर्मल वर्मा, मोहन राकेश
🌟 सारांश चार्ट
काल | समय | मुख्य विषय | महत्त्वपूर्ण कवि/लेखक |
---|---|---|---|
आदिकाल | 1050–1375 | वीरगाथा, युद्ध, शौर्य | चंदबरदाई, नरपति नाल्ह |
भक्तिकाल | 1375–1700 | भक्ति, भगवान, भजन | तुलसीदास, सूरदास, कबीर, मीरा |
रीतिकाल | 1700–1900 | शृंगार, नायिका-भेद, दरबारी | बिहारी, केशव, देव, घनानंद |
आधुनिक काल | 1900–अब तक | राष्ट्रीयता, मानवतावाद, प्रयोग | प्रसाद, पंत, महादेवी, अज्ञेय |
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