Monday, May 19, 2025

कर्मभूमि

 

कर्मभूमि

यह धरती कर्मभूमि है,
जहाँ वीरों ने खून बहाया है।
जहाँ तपकर तलवारें बनीं,
वहीं सम्राटों का जन्म हुआ।

यहाँ की मिट्टी में वो शक्ति है,
जो किसी से कम नहीं,
यहाँ के लोग कभी झुके नहीं,
ना ही कभी किसी से डरे हैं।

यहाँ की हवा में वो संगीत है,
जो वीरों की गाथा सुनाता है।
यहाँ का हर पत्थर कहता है,
किसी ने यहाँ बलिदान दिया है।

यह धरती कर्मभूमि है,
जहाँ हर इंसान ने अपनी कीमत लगाई है।
यहाँ की पहचान उसकी मेहनत है,
और उसका अटूट साहस।

जो जो आएं इस धरती पर,
उनके कदम विजय के गीत गाएं।
यहाँ की मिट्टी में बस नहीं,
बल्कि चमकती हैं तलवारें।


सिख:
इस कविता का संदेश है कि यह धरती कर्म का स्थान है, जहाँ व्यक्ति को संघर्ष और वीरता के साथ अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। जीवन में कर्म ही सर्वोच्च है।

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