पृथ्वीराज चौहान का रणभूमि में शौर्य: एक वीर राजा की गाथा
पृथ्वीराज चौहान, एक साहसी और दूरदर्शी शासक, ने अपने राज्य की रक्षा के लिए कई युद्ध लड़े। दिल्ली और अजमेर के शासक के रूप में उन्होंने अपने प्रांत की सीमाओं को सुरक्षित रखा।
उनकी बहादुरी का सबसे प्रसिद्ध उदाहरण तुगलक-दुर्रनी के साथ हुआ युद्ध है। अपनी रणनीति और युद्ध कौशल के कारण वे कई बार विजेता रहे। परंतु अंततः युद्धभूमि में उन्होंने अदम्य साहस का परिचय देते हुए शत्रु का सामना किया।
उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्चा राजा वही है जो अपने प्रजा और भूमि के लिए हर परिस्थिति में लड़ता रहे, और कभी हार न माने।
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