हरीबंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता “मधुशाला” का एक संक्षिप्त अंश प्रस्तुत है, क्योंकि पूरी कविता काफी लंबी है:
मधुशाला (अंश)
मृदु भावों के अंगूरों से,
मधु से भरा प्याला है।
प्यासे को प्यास नहीं बुझानी,
जीवन का मधुशाला है।
मधुशाला चलती रही,
हम पीते रहे प्याला।
जीवन के इस प्याले में,
छिपा सारा उजियाला।
मय का प्याला भी,
जीवन का साथी है।
कभी हंसी, कभी आँसू,
इसी में साथ पाती है।
मधुशाला (प्रमुख अंश)
मधुशाला, मधुशाला, मधुशाला,
मधु से भरी प्याली।
मधुशाला, मधुशाला, मधुशाला,
जीवन की जाली।
मदिरा का प्याला लेकर,
चाल चलो जीवन में।
जो तृप्त न हो प्यासा,
वह खो जाए जीवन में।
व्याख्या:
मधुशाला का शाब्दिक अर्थ है — शराबखाना। हरीबंश राय बच्चन ने इस कविता में शराबखाने को जीवन का रूपक बनाया है। यह कविता हमें बताती है कि जीवन में सुख-दुख, संघर्ष और आनंद का समागम है। जैसे शराब से व्यक्ति का मिजाज बदलता है, वैसे ही जीवन की परिस्थितियां हमें प्रभावित करती हैं।
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मधुशाला — जीवन की कठिनाइयों और जश्न दोनों को दर्शाती है।
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मधु — प्रेम, खुशी, ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है।
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प्याला — अवसर और अनुभव का प्रतीक है।
कविता हमें सिखाती है कि जीवन को खुलकर जियो, संघर्ष से मत घबराओ, और हर अनुभव को अपनाओ।
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