Monday, May 19, 2025

वो कहीं भी गया लौट के तो आया नहीं

 

वो कहीं भी गया लौट के तो आया नहीं

वो कहीं भी गया लौट के तो आया नहीं,
हमारे प्यार का उसका फ़साना था।
वो साथ था तो ज़िंदगी के हर सफ़र में,
अब उसकी यादों का दीवाना था।

वो कहीं भी गया लौट के तो आया नहीं,
हमने उसका इंतज़ार किया हर घड़ी,
उसकी बातें थीं जो दिल को छू जातीं,
वो ख़्वाब था जो हमसे कभी जुदा नहीं।


और एक प्रेरणादायक कविता — "संघर्ष"

संघर्ष की राह में जो ठोकरें खाए,
वो पत्थर भी सोना बन जाए।
हिम्मत न हारो, बढ़ते रहो,
जीत की खबर लाजवाब आए।

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