Monday, May 19, 2025

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

 

🌟 कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती 🌟

(लेखक: डॉ. हरिवंश राय बच्चन)

अंश:

गिरते हैं सहस्रों बार,
फिर उठते हैं बारम्बार,
हर ठोकर से सीख लेते,
आगे बढ़ते बारम्बार।
मन में विश्वास लिए चलता,
जो प्राणों में आग भरता —
कोशिश करने वालों की
कभी हार नहीं होती।

पूरा प्रारंभिक अंश:

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है।
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है।
अखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती —
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।


💡 भावार्थ / संदेश:

यह कविता हमें सिखाती है कि बार-बार असफल होने पर भी हिम्मत न हारो। जैसे चींटी, सूरज, पर्वत और मनुष्य निरंतर प्रयास से आगे बढ़ते हैं, वैसे ही हम भी निरंतर प्रयास से सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

No comments:

Post a Comment