Monday, May 19, 2025

सपनों का भारत

 

सपनों का भारत

मैं देखता हूँ सपनों का भारत,
जहाँ हर कोई हो समान अधिकार।
जहाँ अमीर-गरीब का हो मेल,
और हर दिल में हो प्रेम का बेल।

जहाँ शिक्षा हो सबके लिए,
और हर बच्चा पढ़े खुले दिल से।
जहाँ महिला हो सशक्त और स्वतंत्र,
और हर इंसान हो खुशहाल, सफल, निर्वाण।

सपनों का भारत, हमारा भारत,
जहाँ सबको मिले न्याय और प्यार।
चलो मिलकर बनाएँ उस भारत को,
जो चमके जैसे तारा दूर आसमान को।

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