Monday, May 19, 2025

कर चले हम फिदा

 

कर चले हम फिदा

कर चले हम फिदा जान-ओ-तन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों।

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है।

वक्त आने दे बतलाए तेरी रफ्तार क्या है,
आजाद भारत की यही तो पहचान है।

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